घुटनों का दर्द आज के समय में एक आम समस्या बन चुकी है—चाहे वह उम्र बढ़ने की वजह से हो, गठिया की समस्या हो, खेल-कूद की चोट हो या फिर लंबे समय तक बैठने की आदत से।
आयुर्वेद में इस दर्द का स्थायी समाधान है – पंचकर्म चिकित्सा।
पंचकर्म क्या है?
पंचकर्म आयुर्वेद की एक गहन और प्रभावशाली चिकित्सा पद्धति है, जो शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करती है, दोषों को संतुलित करती है और शरीर को प्राकृतिक रूप से पुनः स्वस्थ बनाती है।
आयुष्कामा ऋषिकेश में अनुभवी वैद्य डॉक्टरों की देखरेख में, विशेष रूप से घुटनों के दर्द और जोड़ से संबंधित रोगों के लिए, व्यक्तिगत पंचकर्म योजनाएं तैयार की जाती हैं।
पंचकर्म द्वारा घुटनों के दर्द का इलाज
- विरेचन: शरीर से पित्त दोष और सूजनकारी तत्वों को निकालना।
- बस्ती: वात दोष को संतुलित करके जोड़ की गति में सुधार करना।
- अभ्यंग: औषधीय तेलों से मालिश करके सूजन व जकड़न को कम करना।
- पत्र पिंड स्वेद व पिझिचिल: जड़ी-बूटियों के पोटली व तेल धारा थेरेपी से दर्द से राहत।
- आंतरिक औषधियाँ: हड्डियों को मजबूत बनाना व जोड़ों को पोषण देना।
पंचकर्म के लाभ:
- सूजन और दर्द में आराम
- बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत
- जोड़ों की गतिशीलता में सुधार
- सर्जरी की आवश्यकता को टालना
- पूरे शरीर का कायाकल्प
क्यों चुनें आयुष्कामा ऋषिकेश?
- ऋषिकेश की शांत आध्यात्मिक व प्राकृतिक जगह में स्थित
- डॉक्टर विनोद कुमार जैसे अनुभवी आयुर्वेदाचार्यों द्वारा देखरेख
- पारंपरिक और प्रमाणिक आयुर्वेदिक चिकित्सा
- सात्विक भोजन और शांत वातावरण
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